किसान नेताओं का कहना है कि आगामी आंदोलन पिछली बार के मुक़ाबले कहीं बड़ा और तेज़ होगा, क्योंकि सरकार ने उनकी मांगों को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है।
सोमवार को एक बड़ी संख्या में देश भर से किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में जमा हुए और उन्होंने वहां महापंचायत का आयोजन किया।
किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता दर्शन पाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मुलाक़ात के बाद कहा कि मोर्चा ने 30 अप्रैल को अपनी आम सभा बुलाई है, जिसके बाद भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा की घोषणा की जाएगी।
पत्रकारों से बात करते हुए पाल ने कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानून वापस लेने की घोषणा करते हुए आश्वासन दिया था कि किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी भी जल्द ही निर्धारित की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना था कि कुछ किसान नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने किसान आंदोलन को नुक़सान ज़रूर पहुंचाया था, लेकिन अब फिर से किसान संगठन एकजुट हो रहे हैं।