हिन्दू का मुस्लिम के साथ विवाह होने पर दलित लड़के की हत्या
हैदराबाद में हिन्दू की मुस्लिम के साथ शादी होने के कारण हिन्दू लड़के की मौक़े पर ही हत्या कर दी गई। दोनों की शादी लव मैरिज हो रही थी। शायद यह पहली शादी होगी कि पत्नी ने अपनी आखों के सामने अपने पति की हत्या होते देखा।
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''अपने भाई के सामने मैं गिड़गिड़ाती रही, मगर मेरा भाई रॉड से और दूसरा आदमी चाकू से मेरे पति नागराजू पर लगातार वार करते रहे। मेरे पति को कोई नहीं बचा पाया। हमने प्रेम विवाह किया था।" अशरिन सुल्ताना के भाई सैय्यद मोबीन अहमद और एक रिश्तेदार मसूद अहमद ने उनके पति दिल्लीपुरम नागराजू को हैदराबाद में बीच सड़क पर मार दिया। सुल्ताना का परिवार एक हिंदू लड़के से शादी से नाराज़ था।
हैदराबाद में बुधवार की रात क़रीब 9 बजे के आसपास भीड़ भरी सड़क हुई इस निर्मम हत्या ने सभी को चौंका दिया। ये घटना सरूर नगर म्यूनिसिपल ऑफिस से कुछ दूरी पर पंजा अनिल कुमार गायत्री कॉलोनी में हुई। नागराजू और अशरिन स्कूल से ही एक-दूसरे से प्यार करते थे। ये प्यार कॉलेज में भी जारी रहा। उनके प्यार की भनक अशरिन के भाई को लग गई। पुलिस ने बताया कि अशरिन का भाई हैदराबाद के बालानगर में फलों का ठेला चलाता है। अशरिन के पिता की कई सालों पहले ही मौत हो गई है और वो माँ और अपने भाई के साथ रहती थीं। नागराजू दलित हैं और उनके माता-पिता विकाराबाद में कूली का काम करते हैं। उनकी एक बहन भी है। नागराजू हैदराबाद में मारुती शोरूम में काम करते थे।
अशरिन के बड़े भाई सैय्यद मोबीन ने उन्हें इस रिश्ते को ख़त्म करने की धमकी दी थी। इस साल जनवरी में नागराजू एक बार फिर अशरिन से मिले और दोनों ने शादी का फ़ैसला कर लिया।
मौत के डर से हैदराबाद छोड़ विशाखापट्टम गए
अशरिन को पता था कि उनका भाई शादी के तैयार नहीं होगा। इसलिए उन्होंने घर छोड़ने का फ़ैसला किया है। अशरिन अपना मोबाइल भी घर पर ही छोड़ गईं ताकि घरवालों को उनके बारे में कोई जानकारी ना लग सके।
दोनों ने हैदराबाद के पुराने शहर में आर्य समाज मंदिर में 31 जनवरी को शादी कर ली। अशरिन के भाई मोबीन ने बालानगर पुलिस थाने में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जब दोनों को बुलाया और पाया की वो बालिग़ हैं तो दोनों के परिवार वालों को बुलाकर समझाया गया।
नागराजू की माँ कहती हैं, "हम भी पुलिस स्टेशन गए थे और वहाँ लड़की की माँ और उसका भाई भी आए थे। मैंने भी उसकी माँ को कहा कि चिंता मत करो, मेरी भी एक बेटी है, मैं उसे बेटी की तरह रखूंगी। हमारे परिवार और उनके परिवार के साथ नागराजू अशरिन के फोटो भी खींचे गए थे। मगर फिर भी अशरिन कई बार कहती रही कि उसका भाई इस शादी को मंज़ूर नहीं करेगा।" इसी डर के चलते दोनों हैदराबाद छोड़ विशाखापट्टनम में रहने चले गए। पांच दिन पहले ही दोनों ये सोचकर हैदराबाद वापस आ गए थे कि अब अशरिन के परिवार का ग़ुस्सा कम हो गया होगा।
क्या है मौत की वजह
पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने 24 घंटों के अंदर दोनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया। एक तरफ़ जहाँ घटनास्थल पर वीएचपी और बीजेपी के कार्यकताओं ने धरना दिया तो वहीं उस्मानिया अस्पताल के बाहर भी दलित संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बीजेपी के तेलंगाना अध्यक्ष और करीमनगर से सांसद संजय कुमार ने इस घटना को दुखद बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और इसे धर्म के नाम पर हुई हत्या बताया।
वहीं, सरूरनगर के डीसीपी सनप्रीत सिंह ने बताया कि इसे धर्म के नाम पर हुई हत्या की तरह ना देखा जाये। वहीं, पुलिस ने ये भी आश्वस्त किया कि पीड़िता को सरकार की तरफ़ से जो भी मदद की जा सकती है वो जल्द ही देने और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के ज़रिये न्याय दिलाने की हर कोशिश की जाएगी। डीसीपी ने कहा, " लड़की की मानसिक स्थिति बहुत नाज़ुक है और उसे उबरने में वक़्त लगेगा।"
सोर्स : बीबीसी