वर्ल्ड चैम्पियनशिप में क्यों हो रहा है हिन्दूं मुस्लिम विवाद ?
भारतीय रिले टीम ने एथलेटिक्स की दुनिया में भारत के लिए नई उम्मीद जगाई है। लेकिन इसी क्रम में सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा हो रही है कि इस टीम में दो मुसलमान, एक हिंदू और एक ईसाई है। और ये धर्मनिरपेक्ष भारत की तस्वीर पेश करता है।
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हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में गोल्ड जीतकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा है। वो वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं। लेकिन नीरज चोपड़ा के गोल्ड के अलावा कुछ और भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन से सबका ध्याना खींचा है।
इनमें नीरज चोपड़ा के अलावा जैवलिन थ्रो में भारत के किशोर जेना और मनु डीपी भी शामिल हैं। किशोर जेना पाँचवें और मनु छठे नंबर पर रहे। तीन हज़ार मीटर के स्टीपलचेज़ में भारत की पारुल चौधरी फ़ाइनल में पहुँचीं।
हालाँकि फ़ाइनल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा. वे 15 खिलाड़ियों में 11 वें स्थान पर रहीं। इसके बावजूद उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड बनाया और पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया।
नीरज चोपड़ा, किशोर जेना, मनु डीपी और पारुल चौधरी के अलावा भारत की रिले टीम की भी चर्चा ख़ूब हो रही है।
पुरुषों की 4 गुणा 400 मीटर रिले में भारत की टीम फ़ाइनल तक पहुँची और पाँचवें स्थान पर रही।
मोहम्मद अनस याहया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश को निराशा ज़रूर हुई, लेकिन इन खिलाड़ियों ने ख़ूब वाहवाही बटोरी। क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में तो भारत की रिले टीम दूसरे स्थान पर रही थी। इस राउंड में तो भारत की टीम ने अमेरिका के खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी थी।
भारतीय रिले टीम ने क्वालिफ़ाइंग राउंड में 2:59:05s का समय लेकर एशियाई रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। भारतीय रिले टीम के इस प्रदर्शन ने एथलेटिक्स की दुनिया में भारत के लिए नई उम्मीद जगाई है।
देश के नेता और खिलाड़ी सबने रिले टीम की जमकर तारीफ़ की है।
लेकिन इसी क्रम में सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा हो रही है कि इस टीम में दो मुसलमान, एक हिंदू और एक ईसाई है और ये धर्मनिरपेक्ष भारत की तस्वीर पेश करता है। कई चर्चित लोगों ने सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीर शेयर करते हुए भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की सराहना की है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा है कि ये चारों खिलाड़ी सहयोग, आपसी भरोसा और सद्भाव की तस्वीर हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि भगवान की कृपा है कि हंगरी के बुडापेस्ट के निकट कोई विभाजनकारी ब्रिगेड नहीं है।
नीलीमा श्रीवास्तव ने इन चारों खिलाड़ियों के धर्म का ज़िक्र करते हुए जय हिंद लिखा है।
संजीव बत्रा ने लिखा है दो मुसलमान, एक हिंदू और एक कैथलिक ये राष्ट्रीय एकता की सच्ची भावना है, जिससे एक जीतने वाली टीम बनती है।
लेकिन बीजेपी से जुड़ी चारू प्रज्ञा ने चिदंबरम की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है और कहा है कि खेल में धर्म को लाने की क्या ज़रूरत है। प्रतिभा कौल नाम की यूजर ने भी कांग्रेस को इस मामले में घेरा है। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस को हर चीज़ में धर्म लाना ज़रूरी है।
4X400 मीटर रिले वाली भारतीय टीम के धर्म को लेकर क्यों हो रही है बहस?
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में गोल्ड जीतकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा है. वो वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं। लेकिन नीरज चोपड़ा के गोल्ड के अलावा कुछ और भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन से सबका ध्याना खींचा है।
इनमें नीरज चोपड़ा के अलावा जैवलिन थ्रो में भारत के किशोर जेना और मनु डीपी भी शामिल हैं। किशोर जेना पाँचवें और मनु छठे नंबर पर रहे। तीन हज़ार मीटर के स्टीपलचेज़ में भारत की पारुल चौधरी फ़ाइनल में पहुँचीं।
हालाँकि फ़ाइनल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वे 15 खिलाड़ियों में 11 वें स्थान पर रहीं।
इसके बावजूद उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड बनाया और पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया। नीरज चोपड़ा, किशोर जेना, मनु डीपी और पारुल चौधरी के अलावा भारत की रिले टीम की भी चर्चा ख़ूब हो रही है।
पुरुषों की 4 गुणा 400 मीटर रिले में भारत की टीम फ़ाइनल तक पहुँची और पाँचवें स्थान पर रही।
मोहम्मद अनस याहया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश को निराशा ज़रूर हुई, लेकिन इन खिलाड़ियों ने ख़ूब वाहवाही बटोरी। क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में तो भारत की रिले टीम दूसरे स्थान पर रही थी।
इस राउंड में तो भारत की टीम ने अमेरिका के खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी थी। भारतीय रिले टीम ने क्वालिफ़ाइंग राउंड में 2:59:05s का समय लेकर एशियाई रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
भारतीय रिले टीम के इस प्रदर्शन ने एथलेटिक्स की दुनिया में भारत के लिए नई उम्मीद जगाई है।लेकिन इसी क्रम में सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा हो रही है कि इस टीम में दो मुसलमान, एक हिंदू और एक ईसाई है और ये धर्मनिरपेक्ष भारत की तस्वीर पेश करता है।
कई चर्चित लोगों ने सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीर शेयर करते हुए भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की सराहना की है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा है कि ये चारों खिलाड़ी सहयोग, आपसी भरोसा और सद्भाव की तस्वीर हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि भगवान की कृपा है कि हंगरी के बुडापेस्ट के निकट कोई विभाजनकारी ब्रिगेड नहीं है।
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नीलीमा श्रीवास्तव ने इन चारों खिलाड़ियों के धर्म का ज़िक्र करते हुए जय हिंद लिखा है।
संजीव बत्रा ने लिखा है- दो मुसलमान, एक हिंदू और एक कैथलिक। ये राष्ट्रीय एकता की सच्ची भावना है, जिससे एक जीतने वाली टीम बनती है।
लेकिन बीजेपी से जुड़ी चारू प्रज्ञा ने चिदंबरम की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है और कहा है कि खेल में धर्म को लाने की क्या ज़रूरत है।
प्रतिभा कौल नाम की यूजर ने भी कांग्रेस को इस मामले में घेरा है. उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस को हर चीज़ में धर्म लाना ज़रूरी है।