क्यो लग रही है इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग
तेल की बढ़ती कीमतों के बीच इलेक्ट्रिक स्कूटरों की मांग बढ़ी है, लेकिन इन स्कूटरों में लगातार लगती आग की समस्या ने चिंता की लहर पैदा कर दी है। आखिर इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने का कारण क्या है? क्या कोई तकनीकी समस्या है?
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![क्यो लग रही है इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग](https://cdn.gtn24.com/files/india/posts/2022-04/-.webp)
देश में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की कई घटनाओं के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस तरह के मामलों की जांच के लिए एक्सपर्ट कमिटी बनाने की बात की है और कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के गुणवत्ता को लेकर जल्द दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
गडकरी ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक ट्वीट कर कहा, "बीते दो महीनों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण कि इन हादसों में कुछ लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं। सरकार ने मामलों की जांच करने और सुधार के लिए कदम सुझाने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया गया है।"
नियमों का पालन न कर रही कंपनियों के लिए आदेश जारी किए जाएंगे। जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता को लेकर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। अगर कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करेगी तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही उसे डिफेक्टिव स्कूटर वापस मंगाने के लिए कहा जाएगा।"
गडकरी ने लिखा कि कंपनियां जल्द से जल्द कदम उठाएं और डिफेक्टिव स्कूटर (गड़बड़ी वाले स्कूटर) वापस बुलाना शुरू करें।
भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों में सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को समर्थन दे रही है। भारत में कई प्रदेशों की सरकारें इसके लिए सब्सिडी भी देती है, लेकिन इससे जुड़े हादसों के कारण इसे लेकर अब चिंता जताई जा रही है।
आग लगने के हादसे
इसी सप्ताह हैदराबाद के निज़ामाबाद में घर पर चार्ज करते वक्त बैटरी स्कूटर में धमाके से 80 साल के एक बुज़ुर्ग की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए थे। बीते साल भर से पावर यूज़िंग रीन्यूएबल एनर्जी (प्योर ईवी) कंपनी की इलेक्ट्रिक स्कूटर का इस्तेमाल कर रहे उनके बेटे ने इसके लिए 'ख़राब क्वालिटी' की बैटरी को ज़िम्मेदार ठहराया था।
इससे पहले वारंगल में रोड के किनारे खड़ी की गई इसी कंपनी के एक स्कूटर में आग लग गई थी।
आग लगने का क्या कारण है?
इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के सही कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
ओकिनावा की डीलरशिप में हुए हादसे के बाद कंपनी ने अपनी शुरूआती जांच मे कहा था कि आग के लिए इमारत में हुआ शॉर्ट सर्किट ज़िम्मेदार था न कि किसी स्कूटर की बैटरी।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार घटना के बाद कंपनी ने अपने 3,215 प्रेज़ प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर वापस बुला लिए हैं। ये पहली बार है जब देश में किसी इलेक्ट्रिक स्कूटर उत्पादक ने दुर्घटना के बाद अपने स्कूटर वापिस बुलाए हैं।
कंपनी का एक बयान जारी कर कहा है कि ढीले कनेक्टर्स या किसी तरह के नुकसान के लिए बैटरी की जांच की जाएगी और कंपनी इसे मुफ्त में बदलेगी।
अप्रैल के पहले सप्ताह में फाइनेशियल एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में कहा था कि इलेक्ट्रिक बैटरी पैक में अनियंत्रित तरीके से आग लगने को थर्मल रनअवे कहते हैं।
एक जानकार के हवाले से अख़बार ने लिखा कि जब भी एक सेल से एनर्जी आती या जाती है तो उस प्रक्रिया में गर्मी पैदा होती है। चूंकि एक बैटरी पैक में सौ तक बैटरियां एक साथ होती हैं इसलिए जो गर्मी पैदा होती है वो इतनी अधिक होती है कि इससे थर्मल रनअवे का ख़तरा बना रहता है। हालांकि मैनुफैक्चरिंग एरर के कारण भी थर्मल रनअवे का ख़तरा हो सकता है।
लीथियम आयन बैटरियां कम तापमान में बेहतर काम करती हैं जबकि ऊंचे तापमान वाले इलाक़ों में बैटरी पैक का तापमान बढ़ सकता है। ये बढ़ कर 90 से 100 डिग्री तक जा सकता है इससे आग लगने का ख़तरा हो सकता है।
मेलबर्न में मौजूद ईवी फ़ायरसेफ़ के प्रोजेक्ट निर्देशक एमा सुट्क्लिफ़ कहती हैं कि लीथियम आयन बैटरी में आग लगे तो उस पर काबू पाना मुश्किल होता है क्योंकि वो तेज़ी से और अधिक गर्मी के साथ जलती हैं और इसे बुझाने में अधिक पानी लगता है।
बैटरी पैक में प्लास्टिक कैबिनेट का इस्तेमाल होता है जो गर्मी से पिघलने लगती है। ऐसा होने पर इसमें लगे सर्किट पिघलने लगते हैं और आग लगने का ख़तरा पैदा हो जाता है।
सोर्स : बीबीसी