ईरान ने प्रतिबंधों को बदला मौक़े में, युरोपीय देश हुए उतावले
जर्मनी के एक उच्चाधिकारी का कहना है कि ईरान की प्रगति के देखते हुए उसके साथ संबंधों को तोड़ना ईरान की तुलना में हमारे लिए अधिक घातक रहा है।
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दो साल पहले तक जब ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध नहीं लगे थे जर्मनी यूरोप का एक मुख्य व्यापारिक साझीदार था। दोनों देशों के बीच 2020 में एक अरब 200 मिलयन यूरो का कारोबार हुआ था।
लेकिन ईरान के परमाणु समझौते से अमरीका के एकतरफ़ा रूप से निकलने और उसके बाद इस देश पर प्रतिबंधों के बाद से जर्मनी और ईरान के कारोबार में गिरावट देखी गई, और यह अपने न्यूनतम स्तर तक पहुँच गया।
ईरान का विदोशी कारोबार काफ़ी हद तक पश्चिमी देशों की रुख़ पर निर्भर रहा है। जब ईरान पर अमरीकी प्रतिबंदों में ढील दी गई तो इन देशों के साथ ईरान का कारोबार में वृद्धि हुई है। एक समय था कि जब ईरान जर्मनी के साथ कारोबार करने वालों 42 मुख्य देशों में से था।
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अमरीका प्रतिबंधों के बाद जर्मनी ने ईरान से अपना कारोबार समेट लिया। लेकिन अब जब्कि यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप इनर्जी संकट से जूझ रहा है और रूस ने जर्मनी को अपनी गैस देना बंद कर दिया है और यह देश ठंड से जमने की कगार पर है तो इसे ईरान की अहमियत का अंदाज़ा हो रहा है। यही कारण है कि इस देश के अधिकारी ईरान के साथ संबंधों को तोड़ने पर पछता रहे हैं।
जर्मनी के फेडरल यूनियन ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड फॉरेन ट्रेड के प्रमुख ने कहा: ईरान में हाल की प्रगति को देखते हुए इस देश के साथ व्यापार संबंध तोड़ना हमारे लिए ईरान की तुलना में अधिक हानिकारक है। और इसीलिए ईरान की क्षमताओं का हम सही लाभ उठा सकते हैं।
अमरीका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंध न केवल ईरान को तोड़ने और झुकाने में नाकाम रहे हैं बल्कि इस देश की प्रगति का कारण बने हैं। ईरान ने इन प्रतिबंधों को एक मौक़े के रूप में देखा है और बहुत से क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है।
ईरान की प्रगति को देख कर ही एनर्जी संकट से जूझ रहे यूरोपयी देश विशेषकर जर्मनी ईरान के साथ दोबारा संबंधों को विस्तार की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।
ईरान का कहना है कि जर्मन व्यवसाय ईरानी व्यापार प्रदर्शनियों में भाग लेकर इस्लामी गणराज्य में अपनी गतिविधियों का विस्तार करना चाहते हैं।
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मंगलवार को जर्मन फेडरल एसोसिएशन फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड फॉरेन ट्रेड (BWA) के बोर्ड के अध्यक्ष, माइकल शुमान, ईरानी विधायक एहसान गाज़ीज़ादेह हाशमी और जर्मनी में ईरानी राजदूत महमूद फ़राज़ांडी के साथ-साथ ईरान के व्यापार संवर्धन प्रमुख अलीरेज़ा पेमानपाक ने बैठक में भाग लिया और दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाओं पर बातचीत की।
शुमान ने कहा कि राजनीतिक मुद्दों से इतर इस्लामी गणराज्य के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने बर्लिन में एक ईरानी व्यापार केंद्र की स्थापना का स्वागत किया और ईरान में जर्मन व्यापारियों के प्रदर्शन के लिए और अधिक स्थान की मांग की।
उन्होने कहा किः इस्लामी गणराज्य पर लगाए गए प्रतिबंध जर्मन व्यापारियों के लिए उनके ईरानी समकक्षों की तुलना में अधिक हानिकारक साबित हुए हैं।