गुजरात चुनाव दो चरणों में होगा। एक व पांच दिसंबर को मतदान होंगे वहीं हिमाचल चुनाव के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आठ दिसंबर को जारी होंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, गुजरात चुनाव में इस बार इस बार 4.9 करोड़ मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, इस बार 3.24 लाख मतदाताओं को पहली बार मतदान का मौका मिलेगा।
चुनाव आयोग के मुताबिक, गुजरात में पहले चरण में 89 सीटों मतदान होंगे। वहीं दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान कराया जाएगा।
गुजरात में दो चरणों में चुनाव होंगे। एक व पांच दिसंबर को मतदान होगा व हिमाचल चुनाव के साथ आठ दिसंबर को नतीजे जारी होंगे।
पिछले 24 साल से राज्य में भाजपा की सरकार है। ऐसे में सबकी नजर इस बार के चुनाव पर टिकी हैं। सवाल है कि क्या इस बार गुजरात (Gujarat) में कोई बदलाव होगा या भाजपा (BJP) का जादू बरकरार रहेगा? क्या आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बना पाएगी। आइए सारे समीकरण समझते हैं।
यूं तो पिछले 24 साल से गुजरात की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी ही काबिज है, लेकिन इस बार समीकरण बदले नजर आएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत लगा दी है। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
कांग्रेस में 2017 के साथ रहे कई बड़े चेहरे इस बार पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। इसमें हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर जैसे नाम शामिल हैं। हार्दिक ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली है। अल्पेश ठाकोर 2017 में कांग्रेस विधायक बने थे। उन्होंने विधायकी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में उन्हें हार मिली थी।
भूपेंद्र भाई पटेल: भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। अगर भाजपा चुनाव जीतने में कामयाब होती है, तो भूपेंद्र भाई पटेल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। 2017 में भी ऐसा ही हुआ था। उस वक्त भी चुनाव से 15 महीने पहले विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हुए और पार्टी ने जीतने के बाद उन्हें फिर से सीएम बनाया गया।
जगदीश भाई मोतीजी ठाकोर: गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश भाई कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की रेस में हैं। हालांकि, अभी पार्टी ने किसी भी नाम का एलान नहीं किया है। जगदीश भाई के अलावा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल, जिग्नेश मेवानी व कुछ अन्य नेता भी इस दौड़ में हैं।
गोपाल इटालिया: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी सीएम पद की रेस में हैं। अगर आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो गोपाल इटालिया पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। गोपाल इटालिया इन दिनों काफी विवादों में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था।
सोर्स आजतक