स्पूतनिक समाचार एजेन्सी के अनुसार रूस के राष्ट्रपति ने मंगलवार को एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया।
अपने संबोधन में पुतीन ने जहां यह कहा कि रूस पर लगे प्रतिबंधों के ही कारण पूरी दुनिया में ईंधन के मूल्यों में वृद्धि हुई है, वहीं पर इस बात का भी उल्लेख किया कि पश्चिम के विस्तृत प्रतिबंधो के बावजूद रूस की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के मास्को के विरुद्ध प्रतिबंधों के बावजूद रूस के तेल के उत्पादन में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि रुस के रक्षा उद्योग ने भी काफी तेज़ी से प्रगति की है। उनका कहना था कि रूस की कई कंपनियां, दिन-रात अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं।
जबसे यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य झड़प आरंभ हुई है उसके बाद से अमरीका और उसके पश्चिमी घटकों ने अधिक से अधिक दबाव बढाने के उद्देश्य से रुस के विरुद्ध कड़े एवं व्यापक आर्थिक प्रतिबंध लगाए। यह आर्थिक प्रतिबंध इसलिए लगाए गए थे ताकि रुस की प्रगति को रोका जाए और उसकी अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया जाए।
पश्चिम की ओर से लगाए जाने वाले इन कड़े प्रतिबंधों के बावजूद रूस की प्रगति को रोकने में पश्चिम विफल रहा है। यूरोपीय देशों ने यूक्रेन संकट को समाप्त कराने के बजाए यूक्रेन को हथियारों से पाट दिया और रुस के विरुद्ध कड़े प्रतिबंध लगा दिये।
यूरोप के इन दोनों कामों के उल्टे नतीजे सामने आए। रुस पर लगे प्रतिबंधों ने यूरोप की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया और अधिक हथियारों की आपूर्ति के कारण यूक्रेन अब एक बारूद के ढेर में परिवर्तित हो चुका है।