इस्राईली प्रधानमंत्री ने ओमान द्वारा अपना हवाई क्षेत्र खोले जाने का स्वागत करते हुए इसे विमानन उद्योग के लिए ‘महान दिन' करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे भारत तक सीधे उड़ानों का परिचालन हो सकेगा और इस्राईल को एशिया व यूरोप के बीच प्रमुख पारगमन बिन्दु बनाने में मदद मिलेगी।
सऊदी अरब ने पहले ही इस्राईली विमानों को अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी थी। नेतेनयाहू ने कहा कि वह वर्ष 2018 में अपनी ओमान यात्रा के समय से ही वह इस्राईली विमानों को उसके हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति लेने के लिए काम कर रहे थे, ताकि भारत और उसके आगे ऑस्ट्रेलिया तक सीधे विमानों की आवाजाही हो सके।
ओमान और इस्राईल के बीच अब तक कूटनीतिक संबंध नहीं है। नेतेन्याहू ने बल देकर कहा कि काफी कोशिश के बाद, आज यह उपलब्धि हासिल हुई है। यह अच्छी खबर है, इस्राईल की पूर्व तक के रास्ते अभूतपूर्व तरीके से खुले हैं।
अब तक इस्राईली विमानों को पूर्वी एशिया, भारत और थाईलैंड जाने के लिए दक्षिण की ओर जाना पड़ता था, ताकि अरब प्रायद्वीप से बच सके। इसकी वजह से करीब ढाई घंटे अतिरिक्त समय लगता था और कीमती ईंधन की बर्बादी होती थी। ओमान की घोषणा से इस्राईली विमान भारत और थाईलैंड जैसे देशों की उड़ानों में ढाई घंटे तक समय की बचत कर सकेंगे।
ज्ञात रहे कि एअर इंडिया के विमान सऊदी अरब और ओमान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करके दिल्ली से सीधे तेल अवीव के लिए उड़ान भरते हैं, जिससे उसकी उड़ानी सस्ती हैं।
पिछले साल सऊदी अरब ने इस्राईली विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति दे दी थी, लेकिन ओमान का हवाई क्षेत्र बंद होने की वजह से इजराइली विमानन कंपनियां इस रास्ते का इस्तेमाल एशिया जाने के लिए नहीं कर पाती थीं। सऊदी अरब ने इस्राईली विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने का फैसला पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की जेद्दा यात्रा के बाद लिया था।