घोषणा पत्र में किए गए इस वादे के बाद देश भर में हिंदुत्ववादी शक्तियों ने एक विवाद खड़ा कर दिया है और इस मुद्दे को हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से जोड़ने का प्रयास किया है।
भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसे लोगों की धार्मिक भावनाओं से जोड़कर चुनाव में कैश कराने की कोशिश की है, जिस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कटाक्ष किया है।
बघेल ने मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहाः मोदी जी फेंकने में बहुत माहिर हैं। वो कबीर, गुरु नानक और गुरु गोरखनाथ को एक साथ बिठा देते हैं, जबकि यह सब अलग-अलग समय में पैदा हुए। जो चीज़ पाकिस्तान में हुई, उसे बिहार का बता देते हैं। देश की जनसंख्या जितनी नहीं है, उतनी बता देते हैं, 650 करोड़।
उन्होंने कहा कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात हुई है, न कि बजरंग बली पर, बजरंग बली हमारे आराध्य हैं।
कांग्रेसी नेता का कहना था कि कोई बजरंग दल के नाम पर ग़ुंडागर्दी करे, यह उचित नहीं है।
बघेल ने कहा कि बजरंग दल के सदस्य क़ानून हाथ में लेकर संविधान का मज़ाक़ उड़ाते हैं। अगर कांग्रेस इस पर रोक लगाने की बात कर रही है, तो परेशानी क्या है और उसकी चर्चा मोदी क्यों नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बजरंगियों ने अगर छत्तीसगढ़ में कुछ गड़बड़ की तो उन्हें यहां भी बैन करने पर विचार किया जा सकता है।
बघेल के इस बयान पर छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेता नारायण चंदेल ने कांग्रेस पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगा दिया है।