इस्लाम मजहब ( Islam Religion) को मानने वालों के लिए इस साल की हज यात्रा ( Hajj Yatra 2023) शुरू हो गई है। मुसलमानों की सबसे पवित्र हज यात्रा कोरोना महामारी के कारण साल 2020 और 2021 में केवल सऊदी अरब निवासियों को ही हज यात्रा पर जाने की अनुमति थी।
हज में हाजी क्या करते है?
हज करने मक्का पहुंचे इस्लाम के अनुयायियों को सबसे पहले नमाज पढ़कर फिर सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच काबा शरीफ के चारों ओर सात बार घूमना (तवाफ करना) होता है। काबा को अल्लाह का घर भी कहा जाता है। दुनिया भर के मुसलमान इस इमारत की ओर मुंह करके ही नमाज पढ़ते हैं। हज यात्री पहले सऊदी के जेद्दा शहर जाते हैं। इसके बाद वह मक्का जाते हैं। यहीं से हज का प्रोसेस शुरू होता है। इस जगह को मीकात कहते हैं। हज यात्रा पर जाने वाले सभी लोग सफेद रंग का एहराम पहनते हैं। यह सफेद चादर की तरह होता है। यह सिला नहीं होता है। महिलाओं की बात करें तो महिलाएं एहराम नहीं पहनती। वह बुर्का पहनती हैं। हज यात्रा के दौरान दूसरा और सबसे चर्चित रस्म शैतान को पत्थर मारना है। मुस्लिमों के सबसे बड़े मजहबी स्थल सऊदी अरब के मक्का के पास हज यात्रा के दौरान शैतान को पत्थर मारने की रस्म आज भी अदा की जाती है।
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हज के बाद क्या होता है
हज यात्रा पूरी होने के बाद पुरुष यात्री अपने बाल-दाढ़ी बनवाते हैं। वहीं, महिलाएं नाखून काटवाती हैं और अपने बाल छोटे करवाती हैं। इसके बाद हज यात्री काबा (मक्का ) से जमजम का पानी, खजूर, सुलेमानी इत्र आदि यादगारी के तौर पर लेकर वापस लौटते हैं। हज से लौटने वालों के लिए बाकी मुसलमानों के बीच इज्जत और बढ़ जाती है। उन्हें हाजी का दर्जा दिया जाता है।
उमरा क्या है
हज पर जाने वाले लोग सबसे पहले उमरा करते हैं। यह एक धार्मिक प्रक्रिया है। हज हर साल अरबी महीना जिल-हिज की आठ तारीख से शुरू होता है। इसी दिन हाजी मक्का से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर मीना शहर जाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर की 8 तारीख की रात को हाजी मीना में गुजारते हैं। इसके बाद 9 तारीख को अराफात में पहुंचते हैं। यहां हाजी अल्लाह को याद करते हैं। दुआएं मांगते हैं। इसी दिन हाजी मुजदलफा शहर जाते हैं। वह यहां रात गुजारते हैं ।10 तारीख की सुबह फिर हाजी मीना शहर लौटते है।