एक दौर था जब अमेरिका का झुकाव पाकिस्तान की ओर होता था लेकिन भारत के बढ़ते बाजार और जियोपॉलिटिकल स्थिति ने अमेरिका को भारत के नजदीक आने को मजबूर कर दिया। इस नजदीकी को मोदी के नेतृत्व और नीतियों ने करीबी दोस्ती में बदल दिया। जब साल 2014 में नरेन्द्र मोदी देश के चौदहवें प्रधानमंत्री चुने गए तब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका बाहें खोलकर स्वागत किया।
तब से अमेरिका में दो राष्ट्रपति बदल चुके हैं और तीसरे का कार्यकाल जारी है. लेकिन जो नहीं बदला है वो है मोदी के प्रति गर्मजोशी। कारोबार के लिहाज से देखें तो फिलहाल अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साल 2022 में तो दोनों देशों के बीच कारोबार का संतुलन भारत के पक्ष में भी आ गया। तब भारत अमेरिका को 78.31 अरब डॉलर का निर्यात कर रहा था और आयात का आंकड़ा 50.24 अरब डॉलर का था।
बराक ओबामा साल 2016 तक अमेरिका की सत्ता पर काबिज रहे और PM मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बने. इन दो सालों में दोनों नेताओं ने सात बार मुलाकात की यह आंकड़ा दोनों देशों के किसी भी सर्वोच्च नेता के बीच हुई मुलाकात की सबसे अधिक संख्या है। सितंबर, 2014 में जब ओबामा के बुलावे पर PM मोदी वाशिंगटन पहुंचे, तो ओबामा खुद उनकी अगवानी के लिए गेट पर आए और गुजराती में पूछा -
"केम छो..." यहीं से दोनों के बीच ऐसी केमिस्ट्री डेवलप हुई, जिसकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों को नई उंचाई मिली।भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता दिलाने में ओबामा का अहम रोल रहा। इसके बाद जब ओबामा भारत आए, तो दोनों नेताओं ने एक साथ 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके बाद दोनों के बीच हुई 'चाय पर चर्चा' ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। इसी दौरान इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापत्तनम में स्मार्ट सिटी डेवलप करने का भी समझौता हुआ। मोदी और ओबामा हर मंच पर एक दूसरे को गहरा दोस्त बताते थे।
मोदी-ट्रंप संबंध
जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तो उनकी भी मोदी के साथ दोस्ताना केमिस्ट्री जारी रही। हालांकि कुछ मौकों पर ट्रंप ने भारत को लेकर आंखें तरेरीं, लेकिन मोदी के साथ उनके निजी रिश्ते हमेशा अच्छे बने रहे। मसलन - भारत-अमेरिका के बीच कारोबार असंतुलन, एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम या कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी का विवाद ट्रंप ने अमेरिकी हितों की चिंता जताई, तो मोदी ने भारतीय हितों को तरजीह दी।
इस खींचतान के बावजूद एक साल के भीतर दोनों नेताओं ने अमेरिका और भारत में दो रैलियों को साथ-साथ संबोधित किया। अमेरिका के ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम दोनों नेताओं की दोस्ती का गवाह बना। इस दौरान ट्रंप ने यह भी कहा - "व्हाइट हाउस में भारत का एक सच्चा दोस्त रहता है।