शुक्रवार को बालयान ने हरिद्वार से मुज़फ़्फ़रनगर की चार दिन की कांवड़ यात्रा पूरी की. इस दौरान वो 80 किलोमीटर चले।
अख़बार से बात करते हुए बालयान ने कहा, “मैंने अपनी कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव की अराधना की और प्रार्थना की कि निकट भविष्य में समान नागरिंक संहिता के क़ानून का मसौदा तैयार हो जाए।
बालयान ने कहा कि उन्होंने लोगों को समान नागरिक संहिता के फ़ायदे बताने के लिए ये यात्रा की है।
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में जब साल 2013 में सांप्रदायिक दंगे हुए थे तब संजीव बालयान पर भी मुक़दमा दर्ज हुआ था। बालयान का कहना है कि चार दिन की कांवड़ यात्रा के दौरान वो कांवड़ियों के साथ ही रहे, सोये और उनके साथ ही खाना खाया।
बालयान का कहना है कि उन्होंने कांवड़ियों को भी यूसीसी के फ़ायदे गिनाये। कंधे पर कांवड़ लेकर चल रहे बालयान के साथ सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी भी थे।
उनके साथ चल रहे समर्थकों ने टीम बालयान लिखी सफ़ेद रंग की टी-शर्ट पहनी थी। हर चार-पांच किलोमीटर की यात्रा के बाद जगह-जगह उनका स्वागत किया जा रहा था।
अख़बार से बात करते हुए बालयान ने कहा, “हमारे हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई भाइयों के मन में यूसीसी को लेकर शंकाए हैं। वो सभी अलग-अलग धार्मिक परंपराओं को मानते हैं. लेकिन एक राष्ट्र के लिए एक समान क़ानून होना ही चाहिए।
बालयान की ये पहली कांवड़ यात्रा थी और वो भविष्य में ऐसी ही और भी यात्राएं करना चाहते हैं।