सीरिया में युद्ध फिर छिड़ने की संभावना, अमेरिका ने भेजे एफ16
इराक़ और सीरिया के संपर्क को काटने के लिए अमेरिका और इजराइल द्वारा ऑप्रेशन रूम के गठन के बाद सीरिया में युद्ध दोबारा गंभीर होने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
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सीरिया में युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच मिलिशिया को नुकसान पहुँचाने और इराक एवं सीरिया के बीच संबंध को काटने के लिए जॉर्डन और एरबिल में अमेरिका और इज़राइल द्वारा एक विशेष ऑपरेशन रूम का गठन किया गया है।
पिछले सप्ताह के दौरान, हमने अमेरिका द्वारा पूर्वी सीरिया में भारी मात्रा में सैन्य संसाधन भेजे जाने को देखा है। इनमें से अधिकांश साज़ो सामान डैर इल ज़ूर के आयल फील्ड के कोनिको गैस संयंत्र के अमेरिकी बेस में पहुँचाया गया है।
इस बीच, सीरियाई सेना और स्थानीय बलों के साथ मिलिशिया समूहों ने इन क्षेत्रों में दोबारा अमेरिकी बलों की तैनाती और उसमें बढ़ोतरी को अलग रूप में परिभाषित किया है। पूर्वी सीरिया नाजुक दिनों से गुज़र रहा है। रूसी सेना ने भी इन इलाकों में खुद को मजबूत किया है।
हर चीज़ एक संभवित संघर्ष की तरफ़ बढ़ती हुई दिख रही हैं। अब हमें देखना होगा कि दोनों पक्ष कितना धैर्य रख सकेंगे।
सीरिया में युद्ध दोबारा गंभीर होने की कितनी संभावना है?
पिछले दिनों रूसी और सीरियाई सेना के लड़ाकों ने संयुक्त रूप से अल-तनफ क्षेत्र में अमेरिकी अड्डे के पास अमेरिका समर्थित विभिन्न समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट कर दिया था।
ऐसा तब है जब अमेरिकी सेना ने घोषणा की है कि उसने ए-10 लड़ाकू विमानों की मदद के लिए इस क्षेत्र में कई एफ-16 लड़ाकू विमान भेजे हैं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये लड़ाकू विमान किस बेस से पूर्वी सीरिया पहुंचने वाले हैं!
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यूक्रेन और सीरिया में युद्ध के बीच सीधा संबंध देखने वाला अमेरिका इस बात से बेहद नाराज है कि ईरान सीरिया और यूक्रेन दोनों में उसका सीधा प्रतिद्वंदी है। दूसरी ओर, एरबिल और जॉर्डन के साथ-साथ कतर में अमेरिकी ऑपरेशन रूम पूर्वी सीरिया की घटनाओं के बारे में अफवाहें और झूठी खबरें फैला रहे हैं।
अमेरिका आतंकवादी समूहों द्वारा इराक़ और सीरिया के बीच संपर्क के काटने की लगातार कोशिश कर रहा है ताकि इस प्रकार ईरान और लेबनान के संपर्क को काट सके।
दूसरी तरफ़ सीरियाई सरकार के अधिकारियों ने हाल के दिनों में इन क्षेत्रों का बार-बार दौरा किया है, और लगातार यह याद दिलाया है कि यह क्षेत्र सीरियाई क्षेत्र हैं और अपने बयानों में अतिक्रणकारियों के भगाने पर जोर दिया है।
हालाकि ऐसा नहीं लगता की शीघ्र कोई संघर्ष शुरु होगा, लेकिन दिनों पार्टियां संसाधन भेज रही हैं, और पूर्वी सीरिया में अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं। जैसा कि पहले बताया गया अमेरिका यूक्रेन युद्ध ईरान द्वारा रूस की सहायता किए जाने को लेकर बेहद नाराज है।
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और दूसरा मुद्दा जिसने व्हाइट हाउस को असमंजस में डाल दिया है, वह ईरानी अधिकारियों की स्पष्ट घोषणा है कि अमेरिका को न केवल पूर्वी सीरिया से बल्कि पूरे क्षेत्र से बाहर निकाला जाना चाहिए।
जिसके जवाब में अमेरिकी अधिकारियों ने बार बार दोहराया है कि वह क्षेत्र को छोड़ने का इरादा नहीं रखते हैं और ईरान उन्हें निष्कासित भी नहीं कर सकता।
हालाँकि, ईरान, तुर्की और रूस तीनों देश इस नतीजे पर पहुँचे कि तीनों देशों के हितों को सुरक्षित करने का एकमात्र तरीका अमेरिकी सेनाओं को सीरिया से बाहर निकालना है और इस मुद्दे ने संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता को दोगुना कर दिया है।