क्या ईरान और भारत साथ आकर इसराइल को गाजा में जारी नरसंहार से रोक पाएंगे?
पीएम मोदी और इब्राहिम रईसी की बातचीत के बाद ईरान की ओर से जारी किए गए बयान में इसराइल पर सीधे हमले किए गए हैं, जिससे भारत के रुख पर एक बार फिर चर्चा तेज़ हुई है।
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इसके बाद से इसराइल की गाजा पट्टी में बमबारी जारी है। इसराइल और हमास में जारी संघर्ष के बीच सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोन पर बात हुई।
ईरानी राष्ट्रपति से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "पश्चिम एशिया क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों और इसराइल-हमास संघर्ष पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से चर्चा हुई। आतंकवादी घटनाएं, हिंसा और आम लोगों की जान जाना चिंता के मुद्दे हैं।
वहीं, ईरान की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार इब्राहिम रईसी ने पीएम मोदी से कहा कि मध्य पूर्व में जारी इस संघर्ष को रोकने के लिए भारत को अपनी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल करना चाहिए।
इससे एक दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान से बात की थी।
ईरान और भारत के शीर्ष नेताओं की ये वार्ता ऐसे समय भी हुई है, जब सात अक्तूबर को हमास के इसराइल पर हमले के बाद पीएम मोदी के ट्वीट को फ़लस्तीन पर भारत के रुख में बदलाव से जोड़ा जाने लगा था।
हालांकि, भारत ये स्पष्ट कर चुका है कि फ़लस्तीन को लेकर उसकी नीति नहीं बदली और वो दो राष्ट्र समाधान का ही समर्थक है। संघर्ष के बीच पीएम मोदी ने फ़लस्तीनी क्षेत्र के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से भी फ़ोन पर बात की और ग़ज़ा को मानवीय सहायता भी भेजी है।
लेकिन पीएम मोदी और इब्राहिम रईसी की बातचीत के बाद ईरान की ओर से जारी किए गए बयान में इसराइल पर सीधे हमले किए गए हैं, जिससे भारत के रुख पर एक बार फिर चर्चा तेज़ हुई है।
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ईरान ने मोदी-रईसी के बारे में क्या बताया?
ईरान की समाचार एजेंसी इरना ने जानकारी दी है कि ईरान के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी से सोमवार को हुई बातचीत के दौरान क्या-क्या कहा। इब्राहिम रईसी ने कहा कि उनका देश तुरंत युद्ध विराम और गाजा के लोगों को मदद पहुंचाने के लिए पूरी दुनिया के संयुक्त प्रयासों के पक्ष में है।
इरना के मुताबिक़, रईसी ने मोदी को ‘पश्चिमी उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ भारत के संघर्ष’ और ‘गुट-निरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक देश होने’ की याद दिलाई।
रईसी ने कहा, “आज भारत से उम्मीद है कि वह गाजा के बाशिंदों के ख़िलाफ़ ज़ायनवादियों के अपराधों को रोकने के लिए अपनी पूरा क्षमताओं का इस्तेमाल करे.”
रईसी का कहना था, ‘'फ़लस्तीनी लोगों की हत्याएं जारी रहने से सभी स्वतंत्र देश बेचैन हैं और इन हत्याओं का असर इस क्षेत्र के बाहर भी देखने को मिलेगा।
रईसी ने भारत के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में कहा कि ‘प्रतिरोध करने वाले फ़लस्तीनी समूहों के पास ज़ायनवादी अतिक्रमण का मुक़ाबला करने का पूरा अधिकार है और सभी देशों को इस दमन से मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे फ़लस्तीनी लोगों का समर्थन करना चाहिए।
दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व में पैदा हुए हालात को बिगड़ने से रोकने और तुरंत शांति बहाल करने की ज़रूरत बताई।
भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग़ाज़ा में हालात बेकाबू होने से रोकने, मानवीय मदद पहुंचाने के लिए प्रयास जारी रखने और पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता को तुरंत बहाल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
इसमें कहा गया है कि पीएम ने आतंकवादी घटनाओं, हिंसा और आम लोगों की जान जाने पर चिंता जताई। उन्होंने इसराइल-फ़लस्तीन मसले पर भारत के स्थायी और लंबे समय से चले आ रहे रुख़ को दोहराया।