सन 1970 से 2000 तक के 30 बरसों में शानदार अभिनय से फ़िल्म संसार में अपनी अलग पहचान बनाने वाली राखी मुंबई से दूर एक फ़ार्म हाउस में एकाकी जीवन जी रही हैं।
राखी एक किसान की तरह रहती हैं। सब्ज़ियां उगाती हैं, बागवानी करती हैं। उनके इस फ़ार्म हाउस में कितने ही किस्म के कुत्ते और बिल्लियों के साथ बहुत से जानवर रहते हैं जिन्हें वह अपने हाथों से खिलाती-पिलाती भी हैं और नहलाती-धुलाती भी।
राखी के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि स्टार रहते हुए भी वह अपने सभी काम खुद करती रहीं। चाहे घर के कामकाज की निगरानी हो या क़ानूनी मसले या इनकम टैक्स जमा कराना हो। यहाँ तक कि राखी ने कभी अपने लिए प्रचार एजेंट नहीं रखा।
राखी बताती थीं, "मैं समझती हूँ कि इन्सान अपने जो भी काम ख़ुद कर सके उसे वह करने चाहिए। मैं जब लगातार शूटिंग में व्यस्त रहती थी, तब भी रविवार के दिन अपने बहुत से ज़रूरी काम निबटा लेती थी।"
देश आज़ाद होने के कुछ घंटों बाद ही राखी का जन्म पश्चिम बंगाल के रानाघाट में हुआ था। देश विभाजन से पहले राखी के पिता का पूर्वी बंगाल में जूतों का अच्छा-खासा व्यापार था, लेकिन विभाजन से कुछ समय पहले ही वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले के रानाघाट आ गए थे।
आज़ादी के दिन जन्मी राखी मजूमदार अपनी आज़ादी को कितनी अहमियत देती हैं, यह सब उनकी ज़िंदगी को देख कर समझा जा सकता है। कुछ बरस पहले राखी से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि 'वे इतनी एकांत प्रिय क्यों हो गई हैं?'
इस पर राखी का जवाब था, "मैं अब चकाचौंध की दुनिया में नहीं रहना चाहती। मैं काफ़ी फ़िल्में कर चुकी हूँ। मुझे अब न ज़्यादा रुपयों की ज़रूरत है, न फ़िल्मों की। मेरी दुनिया अब पनवेल का मेरा फ़ार्म हाउस है। जहाँ मैं हूँ और मेरे प्रिय जानवर। मुझे अपनी आज़ादी से प्यार है। जहां मुझसे कोई सवाल नहीं कर सकता।"
क़रीब 30 बरस पहले दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में एक स्क्रीनिंग के दौरान राखी से मैंने पूछा कि 'इतनी फ़िल्मों को करने के बाद आज अपनी ज़िंदगी को आप कैसे देखती हैं ?'
तब राखी ने कहा, "मैं अपनी ज़िंदगी स्वतंत्र ढंग से जीती हूँ। कोई मेरे प्रति दया या सहानुभूति दिखाए तो वह मुझे ज़रा भी अच्छा नहीं लगता। अगर मुझे कोई दुख मिलेगा तो मैं उससे ख़ुद निबटने में सक्षम हूँ। मुझे रोने के लिए किसी के कंधे का सहारा नहीं चाहिए। मैं फ़िल्में भी वही करती हूँ, जो रोल मुझे पसंद हों। मैं कभी मुश्किल हालात में रही तब भी मैंने पैसों के लिए कोई भी फ़िल्म साइन नहीं की। मैं अपने मुँह अपनी तारीफ़ करना पसंद नहीं करती। लेकिन आप ध्यान से देखेंगे तो मैंने हमेशा लीक से हटकर और चुनौती वाली भूमिकाएँ ही की हैं।"
राखी की यह बात सच है कि उन्होंने हमेशा चुनौती वाली भूमिकाएँ ही की हैं, हालाँकि वह बचपन में एक वैज्ञानिक बनने का सपना देखती थीं, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था।