पथरी या किडनी स्टोन मूत्रनली में उत्पन्न होती है। पेशाब में दर्द, पेशाब में तकलीफ, कम पेशाब होना आदि पथरी के लक्षणों में शामिल हैं। पथरी की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास मदद कर सकता है। योग संतुलित मन और स्वस्थ शरीर देकर पथरी को निकालने में मदद करते हैं , साथ ही किडनी को मजबूत बनाता है। हालांकि अगर पथरी की समस्या से परेशान है तो योग शुरू करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।
इस आसन से पेट के आंत मजबूत होती है और दर्द से राहत मिलती है। पवनमुक्तासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को मिलाते हुए हथेली को जमीन पर लगाएं। अब दाए पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती से लगा लें। दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाकर घुटने से थोड़ा नीचे पकड़ें। फिर पैरों से छाती पर दबाव डालते हुए सांस अंदर बाहर छोड़ें
इस आसन से किडनी सक्रिय रहती है और पथरी को निकालने में मदद मिलती है। भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेटकर हथेलियों को कंधों के नीचे रखते हुए सांस लें। अब शरीर के अगले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकेंड इसी स्थिति में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
पेशाब करने की समस्या को कम करने में धनुरासन असरदार है। साथ ही किडनी को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। धनुरासन के अभ्यास के लिए जमीन पर पेट के बल लेटकर पैरों को फैलाएं। पैरों को उठाते हुए हाथों से टखनों को पकड़कर गहरी सांस लें। छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाते हुए इस स्थिति में कुछ देर रहें। बाद में शरीर और पैरों को फर्श पर टिकाकर कुछ देर आराम करने के बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं।