कई फायदे होते हैं लेमनग्रास से
लेमनग्रास से एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। इसका सबसे अधिक इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स बनाने में होता है। वहीं सुंगधित एरोमा आदि में भी ये तेल खूब इस्तेमाल होता है। कुछ कंपनियां अपने साबुन और डिटरजेंट में इसे इस्तेमाल करती हैं। दवाओं के व्यापारी भी लेमनग्रास की अच्छी कीमत देकर उसे खरीदते हैं। देखा जाए तो आपको इसके खरीदार ढूंढने नहीं पड़ते। बल्कि अगर किसी को पता चल जाए कि आप लेमनग्रास की खेती कर रहे हैं तो वह खुद आपके पास तेल लेने पहुंच जाएगा।
कैसे निकाला जाता है इससे तेल?
लेमनग्रास के तेल निकालने के लिए उसे एक बड़े कंटेनर में भरा जाता है, जिसमें नीचे पानी भरा होता है। इसे नीचे से गर्म किया जाता है। जब पानी गर्म होता है तो भाप बनकर ऊपर जाता है और पत्तियों में से तेल भी अपने साथ लेता हुआ जाता है। इस भाप को बाद में ठंडा कर लिया जाता है। तेल हल्का होता है, जो ऊपर जमा हो जाता है और पानी नीचे जमा हो जाता है। इसके बाद आप तेल को बाजार में बेच सकते हैं।
लेमनग्रास की खेती के हैं कई फायदे
इस खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये सूखे इलाकों में भी अच्छी पैदावार दे देती है। इसे बहुत अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है। साल में 3-4 बार निराई-गुड़ाई काफी होती है। अगर पैदावार अच्छी और घनी हो जाती है तो निराई-गुड़ाई का खर्च और भी कम हो जाता है। इसमें रोपाई करने से पहले ही खाद डाली जाती है, उसके बाद खाद डालने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। वहीं इस फसल में रोग भी बहुत ही कम लगते हैं, जिस वजह से इसमें कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना होता है। इस फसल की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे जंगली जानवर भी नहीं खाते, क्योंकि पत्तियों का स्वाद कड़वा होता है। यानी देखा जाए तो बस रोपाई कर के बैठ जाओ और फिर सीधे कटाई करने जाओ, ये फसल कुछ ऐसी ही है। वहीं कटाई भी 5 साल तक हर साल 5-6 बार करते रहो।
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