मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसा में 60 लोग मारे गए हैं, 231 घायल हुए हैं और धार्मिक स्थलों समेत 1700 घर जला दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को 25 हज़ार रुपये की अनुग्रह राशि देने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर नष्ट हुए हैं उन्हें 2 लाख रुपये दिए जाएंगे और सरकार उनके घरों का पुनर्निर्माण कराएगी।
सिंह ने कहा कि मणिपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनज़र राहत शिविरों में फंसे 20 हज़ार से अधिक लोगों को आज तक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, अन्य 10 हज़ार और फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह ले जाया जाएगा, मानव जीवन क़ीमती है और घरों व संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाना अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों से 1,041 बंदूकें लूटी गई थीं, जिनमें से 214 को बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बंदूकें लूटने वालों से कहा कि वे उन्हें निकटतम पुलिस थाने में लौटा दें, ऐसा न करने पर एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
द हिंदु की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले व्यक्तियों और समूहों की पहचान करने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और अपने कर्तव्य में विफल रहने वाले सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
ज्ञात रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर संकट को एक ‘मानवीय समस्या’ बताते हुए कहा था कि वह जीवन और संपत्ति के नुक़सान को लेकर भीषण रूप से चिंतित है।