चीन के अंतरिक्ष यान तियानवेन-1 के ऑर्बिटर और रोवर ने मंगलग्रह पर अपनी वैज्ञानिक खोजों को पूरा कर लिया है।
चीनी अंतरिक्ष यान तियानवेन-1 ने मंगल के दक्षिणी ध्रुव समेत उन इलाकों की भी तस्वीरें ली हैं जिन्हें आज तक नहीं देखा गया था। मंगल ग्रह की इन तस्वीरों को क्लिक करने के लिए चीन के अंतरिक्षयान को लगभग डेढ़ साल में 1344 चक्कर लगाने पड़े हैं।
तियानवेन-1 चीन का मंगल पर लॉन्च किया गया पहला मिशन था। यह अंतरिक्ष यान फ़रवरी 2021 में लाल ग्रह पर खोज के लिए पहुंचा था, तब इसने एक रोबोटिक रोवर को मंगल की सतह पर उतारा था जबकि ऑर्बिटर अंतरिक्ष से लाल ग्रह का चक्कर लगाता रहा।
वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल का सारा पानी दक्षिणी ध्रुव पर ठोस और द्रव रूप में छिपा हुआ है। 2018 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक अंतरिक्ष यान ने मंगल के दक्षिणी ध्रुव की बर्फ़ के नीचे पानी की खोज की थी।
तियानवेन-1 की तस्वीरों में 4000 किलोमीटर लंबी घाटी वालेस मेरिनेरिस भी शामिल है, इसके अलावा साथ ही 18 हज़ार मीटर लंबी एस्क्रेयस मॉन्स के ऊपर से नीचे का दृश्य भी काफी रोचक है, इन तस्वीरों में मंगल के एक शांत ज्वालामुखी को भी दिखाया गया है, जिसकी खोज नासा के मेरिनर-9 ने की थी।
पृथ्वी के दो ध्रुवों की तुलना में मंगल पर पाई जाने वाली बर्फ़ सूखी यानी (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) और पानी से मिलकर बनी होती है। मंगल ग्रह पर ध्रुवीय इलाकों और कई जगहों पर सतह के नीचे बर्फ पाई जाती है।
तियानवेन-1 से पहले चीन ने 2011 में रूस के साथ मिलकर मंगल ग्रह पर यान भेजने की कोशिश की थी जो असफल हो गयी थी। यह मिशन प्रक्षेपण के कुछ देर बाद ही विफल हो गया था।
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