महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा अतिक्रमण विरोधी अभियान को कश्मीर घाटी के लोगों के खिलाफ एक ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस ‘हमले’के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया।
पीडीपी की प्रमुख ने कहा कि जैसे भाजपा सरकार के पास ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) , राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियां हैं, जम्मू कश्मीर के लोगों को सताने और उन्हें उनके घरों से निकालने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान एक नया हथियार है, जिसका इस्तेमाल भाजपा सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘नहीं, तो चीन ने हमारी 20,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है, पहले सरकार उस ज़मीन को वापस ले।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जम्मू कश्मीर सरकार ने कथित अतिक्रमण से राज्य की जमीन खाली करने के लिए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया है. इस अभियान ने आम लोगों और नेताओं के बीच नाराजगी पैदा की है, जिनका कहना है कि यह उन गरीब लोगों को प्रभावित करेगा जिनके पास दशकों से रहने या जीवित रहने के लिए छोटी-छोटी जमीनें हैं।
जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया था कि किसी भी गरीब व्यक्ति को लक्षित नहीं किया जाएगा, बल्कि यह केवल ‘उन प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए है, जिन्होंने अपने रुतबे का इस्तेमाल करके राज्य की भूमि का अतिक्रमण किया।