जब संबंधित अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने से भी समस्या का समाधान नहीं निकला तो उन्होंने अब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की गुहार लगाई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, महबूबा मुफ़्ती ने जयशंकर को इस बारे में चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं पासपोर्ट के मुद्दे पर पिछले 3 साल से इंतज़ार कर रही हूं, ताकि अपनी 80 साल की मां को मक्का की यात्रा पर ले जा सकूं। लेकिन पासपोर्ट अधिकारी मुझे पासपोर्ट जारी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर सीआईडी ने इस पर रोक लगाई हुई है।
दर असल, सीआईडी की जांच रिपोर्ट में महबूबा मुफ़्ती की विदेश यात्राओं को देश के लिए ख़तरा बताया गया है।
महबूबा मुफ़्ती ने चिट्ठी में आगे लिखा कि मेरी मां और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट रिन्यूअल के लिए अप्लाई किया था। जम्मू कश्मीर सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में हमें पासपोर्ट जारी करने को राष्ट्र के लिए ख़तरा बताया था। जम्मू कश्मीर में ये चलन हो गया है कि देश हित के नाम पर हज़ारों पासपोर्ट के आवेदन रद्द कर दिए जाते हैं। इनमें पत्रकार, स्टूडेंट और सामान्य लोग भी शामिल हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि मैं पासपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के पास भी कई बार गई, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। मुझे पासपोर्ट जारी नहीं करना मेरे मौलिक अधिकारों का हनन है।