इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति पर आरोप लगाया कि यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को रूस भेजा गया। साथ ही ICC ने पुतिन को युद्ध अपराध के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। रूस ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के आरोपों से इनकार किया है। रूस ने कहा कि यह गिरफ़्तारी वारंट 'महत्वहीन' और 'अस्वीकार्य' है।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के गिरफ्तारी वारंट का कानूनी दृष्टिकोण से देश के लिए कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि रूस 2016 में ICC संधि से हट गया था।
पुतिन के खिलाफ वारंट को खारिज करते हुए, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि रूस अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के रोम क़ानून का सदस्य नहीं है और इसके तहत कोई जिम्मेदारी नहीं है। रूस इस निकाय के साथ सहयोग नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से गिरफ्तारी के लिए वारंट हमारे लिए कानूनी रूप से शून्य होगा।
इस बीच, रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव ने पुतिन के लिए आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की। इसको लेकर मेदवेदेव ने ट्विटर पर लिखा, "इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। टॉयलेट पेपर इमोजी के साथ यह बताने की जरूरत नहीं है कि इस पेपर का इस्तेमाल कहां किया जाना चाहिए।
ज्ञात रहे कि ICC ने रूसी राष्ट्रपति और रूसी अधिकारी मारिया अलेक्सेयेवना लावोवा-बेलोवा के खिलाफ यूक्रेनी बच्चों को रूस भेजने की कथित योजना के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।