यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी और पश्चिम का पाखंड
यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी के साथ यह साफ हो चुका है कि यूक्रेन युद्ध में रूस यूक्रेन नहीं बल्कि नाटो के विरुद्ध लड़ रहा है। F16 लड़ाकू सिम्युलेटर के साथ यूक्रेनी पायलटों के ट्रेनिंग लेने की ट्वीटर पर फोटो जारी करके यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि F16 विमान देश की वायु
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![यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी और पश्चिम का पाखंड](https://cdn.gtn24.com/files/india/posts/2023-05/thumbs/1684841052_f16.webp)
यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी के साथ यह साफ हो चुका है कि यूक्रेन युद्ध में रूस यूक्रेन नहीं बल्कि नाटो के विरुद्ध लड़ रहा है। F16 लड़ाकू सिम्युलेटर के साथ यूक्रेनी पायलटों के ट्रेनिंग लेने की ट्वीटर पर फोटो जारी करके यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि F16 विमान देश की वायु सेना के बेड़े में शामिल हो चुके हैं।
पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को लड़ाकू विमानों की डिलीवरी के संबंध में, पश्चिमी अधिकारियों के लगातार इनकार के बावजूद, हमने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि इन लड़ाकू विमानों को निश्चित रूप से यूक्रेन भेजा जाएगा। पहला प्रश्न यह है कि पश्चिम ने यूक्रेन को F16 क्यों दिया?
तो इसका उत्तर विभिन्न यूरोपीय देशों और नाटो सदस्यों में इस लड़ाकू विमान की बहुतायत है। हालांकि अभी इस डिलिवरी की पुष्टी की जानी बाकी है। दूसरी तरफ़ सच्चाई यह भी है कि रूसी लड़ाकू विमानों के मुकाबले में F16 की स्थिति कमज़ोर है। और यह केवल इस लिए यूक्रेन के दिए गए हैं या दिए जाएंगे ताकि पश्चिम यह कह सके कि हमने यूक्रेन को हथियार और संसाधन मुहय्या कराए हैं।
अमेरिका ने यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान क्यों दिए?
पश्चिमी लोगों, विशेष रूप से अमेरिकी अधिकारियों को झूठ बोलने और धोखाधड़ी करने में कोई झिझक नहीं होती। महीनों पहले, जब संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और इस देश के अन्य राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों ने दावा किया था कि उनकी यूक्रेन में सैनिक को भेजने की कोई योजना नहीं है, तो मैंने लिखा था कि वे झूठ बोल रहे हैं और आमतौर पर वे वही करेंगे जो वे कहते हैं कि हम नहीं करेंगे।
दुनिया यह बात समझ चुकी है कि यूक्रेन युद्ध में रूस यूक्रेन के साथ नहीं बल्कि नाटो के साथ लड़ रहा है। इसको साबित होने के लिए केवल एक चीज बची थी, जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति ने अब पुष्टि की है, यानी चौथी पीढ़ी के F16 के साथ "यूक्रेनी पायलटों को प्रशिक्षित करना"!
पश्चिम द्वारा यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी की खबर पर अब कोई आश्चर्य नहीं रह गया है और लगभग हर कोई जानता है कि रूस के खिलाफ युद्ध में भाग लेने वाले 50 देशों ने अपना सब कुछ यूक्रेन में झोंक दिया है। हालाँकि, हर कोई इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ है कि 6-8 महीनों के भीतर किसी भी पायलट को अंजान लड़ाकू विमान के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता है।
सच्चाई यह है कि F16 उड़ाने वाले पायलट भी पैट्रियट रक्षा प्रणाली या तो अमेरिकी-ब्रिटिश चालक दल या नाटो सदस्य हैं। 90 प्रतिशत संभावना यह है कि इस विमान के पायलट नाटो सदस्य देशों के हैं, क्योंकि केवल 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद पूर्वी प्रकार के पायलट के लिए F16 जैसे चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साथ वास्तविक हवाई युद्ध में भाग लेना बिल्कुल असंभव है।
यूक्रेन को F16 लड़ाकू विमान की डिलीवरी की सच्चाई
दूसरी सच्चाई यह भी है कि सभी जानते हैं कि यूक्रेन की सेना के पास दर्जनों सुखोई 27 विमान थे, जो सभी अपडेटेड थे। कागज पर, वे F-16 से कहीं बेहतर हैं, और इसके पास कुशल और अनुभवी पायलट थे जिन्होंने इस लड़ाकू विमान के साथ सैकड़ों घंटे उड़ाए थे, लेकिन फिर भी वे रूसी वायु सेना के खिलाफ विफल रहे और उन्हें मार गिराया गया।
यूक्रेन के F16 की डिलीवरी नाटो द्वारा रूस के विरुद्ध अपनी खीज को निकालने का एक तरीक़ा या फिर इससे भी महत्वपूर्ण हथियारों के व्यापार के लिए एक और रास्ता खोजना है। क्योंकि जिन दसियों विमानों को अमेरिका यूक्रेन भेजने का वादा करता है, उसके रख-रखाव और निर्रमाण से अमेरिकी हथियार कंपनियों को अरबों डॉलर की कमाई होगी।
जैसा कि पहले कहा गया था, F-16 वर्तमान में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अमेरिकी फाइटर है जिसने नाटो के कई सदस्य प्रयोग कर रहे हैं, और इसके कई संस्करण हैं। और ये देश अमेरिका के आदेश के बाद अपने लड़ाकू विमानों को यूक्रेन भेजने के लिए मजबूर होंगे।
और चूँकि इनमें से बहुत से विमान पुराने संस्करणों के हैं तो उन्हें यूक्रेन भेजने से पहले अपडेट करना होगा, और यह खुद अमेरिकी निर्माता कंपनी के लिए अरबों डॉलर की कमाई का स्रोत बनेगा। और दूसरी तरफ़ सदस्य देशों को अपने पुराने विमानों को यूक्रेन भेजने के बाद नए विमानों की जरूरत होगी, जिसका आर्डर फिर अमेरिकी कंपनी को मिलेगा।
हालाँकि, F16 और यहां तक कि मिराज 2000, जिसे फ्रांसीसी पक्ष ने यूक्रेन भेजने का वादा किया है, के पास रूस के सुखोई 30 और सुखोई 35 के साथ-साथ रूस की शक्तिशाली रक्षा प्रणालियों के खिलाफ कोई मौका नहीं होगा।
आने वाले महीनों में यूक्रेन को भेजे गए पश्चिमी हथियारों और उपकरणों के विनाश का एक नया दौर दिखाई देगा।