भारत में तीन साल पहले विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ सफल आंदोलन करने वाले किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है।
दिल्ली की सीमा को तीनों ओर से सील कर दिया गया है और पंजाब और हरियाणा की सीमा पर पुलिस ने मार्च करने वालों पर आंसू गैस और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया है।
![Agitating farmers were attacked with tear gas and rubber bullets]()
किसान शंभू बार्डर से आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरीकेडिंग भी तोड़ दी जबकि पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए आंसू गैस की शेलिंग की और रबड़ की गोलियां चलाईं।
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2020 में किसानों ने विवादित क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन किया था और एक साल से ज़्यादा समय तक चलने वाले आंदोलन ने सरकार को क़ानून वापस लेने पर मजबूर किया था और सरकार के वादों पर किसानों ने आंदोलन ख़त्म कर दिया था मगर किसानों का कहना है कि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए।
किसानों के आंदोलन से निपटने के लिए सरकार ने जो रणनीति बनाई है उस सवाल उठ रहे हैं क्योंकि सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग किया है जिससे स्थिति बिगड़ने की आशंका है।
हरियाणा और पंजाब के किसान आंदोलन कर रहे हैं जबकि दूसरे राज्यों के किसानों की ओर से भी इस आंदोलन का समर्थन किए जाने का समाचार है। इस बार पंजाब की 50 से अधिक किसान युनियनें आंदोलन में शामिल हैं जबकि देश भर से 200 से अधिक किसान युनियनों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है।