गाजा पट्टी में दुखद घटनाएं तब घटित हुईं, जब सहायता ट्रकों का एक समूह शुक्रवार तड़के पश्चिमी गाजा शहर के शेख अजलीन में हारून अल रशीद स्ट्रीट पर पहुचा। इस हमले में 750 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। फिलिस्तीनी प्रशासन ने इस घटना को बर्बर नरसंहार बताया है। फिलिस्तीन की ओर से एक बयान में कहा गया है कि इस हमले के लिए पूरी तरह इजरायल ज़िम्मेदार है। और उसे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सामने दोषी ठहराया जाएगा।
वहीं, इजरायली सेना ने इस मामले में सफ़ाई देते हुए कहा है कि राहत सामग्री से भरे ट्रकों से कुचलकर लोगों की मौत हुई है। कल की इस घटना के बाद इजरायल के क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में दो इजरायलियों पर हमला किया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई। इजरायली सेना ने बताया कि हमला करने वालों को भी मार दिया गया है।
भूखे फिलिस्तीनी नागरिकों में फैल गई दहशत
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान गाजा पट्टी पर हालात बेहद मुश्किल हो गए हैं। लोगों के पास खाने को कुछ नहीं हैं। रहने के लिए घर नहीं हैं। इस बीच इजरायली सेना लगतार हमला कर रही है।
इस बीच सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीनी अधिकारियों के बताया कि उत्तरी गाजा में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसमें कम से कम 112 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए।
ये हादसा तब हुआ, जब इजरायली सैनिकों ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिससे भूखे फिलिस्तीनी नागरिकों में दहशत फैल गई, जो खाना लेकर आए ट्रकों के आसपास इकट्ठा हो गए थे।
ट्रक ने कुचले कई लोग
बताया जा रहा है कि भोजन के लिए बेताब लोग, पश्चिमी गाजा शहर में नए आए सहायता ट्रकों के पास इकट्ठा हो गए। सीएनएन ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान का हवाला देते हुए बताया कि जैसे ही इजरायली बलों ने गोलीबारी शुरू की, अराजकता फैल गई।
जरूर पढ़े : सऊदी अरब की गैर-तेल अर्थव्यवस्था का सबसे कमजोर प्रदर्शन/ वादे जो कभी पूरे न हुए
कई पीड़ितों ने ट्रकों से कुचलकर अपनी जान गंवा दी। गाजा में हमास-नियंत्रित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतकों की सूचना देते हुए कहा कि दुर्घटना के दौरान 104 लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि दुखद घटनाएं तब घटित हुईं, जब सहायता ट्रकों का एक समूह शुक्रवार तड़के पश्चिमी गाजा शहर के शेख अजलीन में हारून अल रशीद स्ट्रीट पर पहुचा।
घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय पत्रकार खदीर अल ज़ानौन ने बताया कि भोजन लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अराजकता और भ्रम की स्थिति तब पैदा हुई, जब इजरायली बलों ने गोलीबारी की और इसके बाद लोग ट्रक की चपेट में आ गए।