राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े डॉक्टर्स के समर्थन में मेडिकल टीचर्स और सेवारत चिकित्सक भी स्ट्राइक पर हैं। प्रदेशभर में क़रीब 14000 सेवारत चिकित्सक हैं और 1500 से अधिक मेडिकल टीचर्स हैं जबकि 4000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी कार्य बहिष्कार कर रखा है।
डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ निजी और सरकारी डॉक्टर्स एकजुट हो गए हैं। मेडिकल टीचर्स ने अगले 24 घंटो तक किया कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस अस्तपाल समेत प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के लिए वैकल्पिक इंतेज़ाम किए गए हैं।
डॉक्टर्स की हड़ताल को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव ने मंगलवार को सर्कुलर जारी कर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल्स को कड़े निर्देश दिए थे। इसमें ओपीडी, आईसीयू, इमर्जेंसी सेवाएं और प्रसूति रोग से जुड़ी सेवाएं निर्बाध रूप से चलाने के आदेश दिए गए।