प्रधानमंत्री ने चार साल पहले बदलाव की जो पटकथा लिखनी शुरू की थी, उसका वास्तविक स्वरूप जी-20 की ऐतिहासिक बैठक में नजर आया। श्रीनगर में हुई विदेशी प्रतिनिधियों की इस बैठक ने साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर का दुखद अतीत बीत गया है और उसकी यात्रा में खुशियों का कारवां जुड़ गया है।
हालांकि इस बदलाव की पटकथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल पहले लिखनी शुरू की थी, लेकिन इस कहानी का वास्तविक स्वरूप जी-20 की ऐतिहासिक बैठक के दौरान नजर आया। 27 देशों के 57 विदेशी प्रतिनिधियों की श्रीनगर में संपन्न हुई बैठक ने यह साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर का दुखद अतीत बीत गया है और उसकी यात्रा में खुशियों का कारवां जुड़ गया है। जम्मू-कश्मीर के इस नए बदलाव ने तीन-दिवसीय टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग के दौरान न सिर्फ 1.30 करोड़ नागरिकों को विश्व की आठ अरब आबादी से जोड़ा, बल्कि देश के इस मुकुट मणि को नई वैश्विक पहचान भी दी है।
मुझे स्मरण है, अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री जी ने जब मुझे जम्मू-कश्मीर का कार्यभार सौंपा था, तब बदलाव की बयार परिधि पर थी और उसके केंद्र पर जड़ता हावी थी। हमने जम्मू-कश्मीर के नव-निर्माण के लिए हर क्षेत्र में बदलाव को केंद्र बनाया। तब से लेकर आज तक सतत और सजग प्रयासों ने अवाम की सुप्त आशा और आकांक्षा को जगाने का काम किया है।
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जी-20 की मीटिंग के दौरान पूरे केंद्र शासित क्षेत्र में दिवाली एवं ईद जैसा माहौल इस बात का गवाह है कि जम्मू-कश्मीर की कई पीढ़ियों को इस बदलाव का इंतजार करना पड़ा। इस पूरे आयोजन में आम नागरिकों की उत्कंठा, वैश्विक आकांक्षाओं से जुड़ने की अभिलाषा साफ झलक रही थी। जी-20 प्रतिनिधिमंडल के आगमन के साथ नागरिकों, समाज के प्रबुद्ध वर्गों की आपसी सहज मित्रता एवं अपनेपन की गहराई में सिर्फ आध्यात्मिक रिश्ते एवं सांस्कृतिक मूल्यों का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि तरक्की की ऊंचाइयों को छू रहे विश्व के साथ एक होने की प्रबल एवं प्रगाढ़ इच्छा भी थी।
यह भावना तीन दिवसीय उत्सव के दौरान अलग-अलग रूपों में प्रकट हुई। जम्मू-कश्मीर की नई पीढ़ी के नौजवानों ने श्रीनगर शहर में नाइट लाइफ का आनंद उठाते हुए वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं और उन्होंने लिखा कि कई पीढ़ियां बदलाव के इस दृश्य से महरूम रह गई थीं। उनके शब्दों में सपने और अरमान थे। उनकी बातों से एक संदेश साफ था कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के सबसे प्रमुख और ताकतवर मंच का जम्मू-कश्मीर में आगमन उनके जीवन में बदलाव की आहट है।