अमेरिका द्वारा बहरीन में समलैंगिकता को बढ़ावा देने पर लोगों में क्रोध
मनामा में अमेरिकी दूतावास के सोशल मीडिया पेजों पर समलैंगिक झंडा लहराने और बहरीन में समलैंगिकता के प्रसार के लिए दूतावास के समर्थन पर अपना गुस्सा और दुख व्यक्त किया है।
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अल-खलीफा सरकार के विरोधी मीडिया ने घोषणा की: बहरीन के लोग समलैंगिकता के समर्थन में दूतावास के सोशल मीडिया पेजों पर प्रकाशित ट्वीट और पोस्ट पर अपना गुस्सा जाहिर करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी दूतावास के इस व्यवहार पर जनता और बहरीन संसद सदस्यों ने अपना क्रोध प्रकट किया है और साथ ही सांसदों ने विदेश मंत्रालय से मांग की है कि इस प्रकार के व्यपहार पर अपना रुख स्पष्ट करे।
बहरीन के प्रतिनिधि सभा ने अमेरिका द्वारा बहरीन में समलैंगिकता के प्रसार के समर्थन की निंदा करते हुए इसे बहरीन समाज, इसकी संस्कृति और रीति-रिवाजों के लिए एक उत्तेजक कार्रवाई माना है।
अमेरिका और इजरायल वर्षों से क्षेत्र में समलैंगिकता के प्रसार की नीति पर चल रहे हैं। उनकी यह नीति यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों में काफ़ी हद तक सफल रही है, और अब इसे बहरीन में भी आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
सऊदी अरब के बाद बहरीन में समलैंगिकता के प्रसार के प्रयास
उदाहरण के तौर पर जिस समय सऊदी क्राउन प्रिंस बिन सलमान द्वारा अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध की स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है और विरोधियों को गिरफ्तार करके उनका दमन किया जा रहा है, लेकिन क्राउन प्रिंस ने समलैंगिकता के प्रसार पर अलग नीति अपनाई है बल्कि अप्रत्यक्ष और यहां तक की सार्वजनिक रूप से उसको बढ़ावा दे रहे हैं।
बिन सलमान के इस प्रयास को पश्चिम को राज़ी करने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। यही कारण है कि सऊदी अरब के विभिन्न प्रोग्रामों में पश्चिम के समलैंगिकों को बुलावा दिया गया है और उनका स्वागत किया गया है।
तथ्य बताते हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस देश में समलैंगिकता को बढ़ावा देकर एक इस्लामी देश में नैतिक भ्रष्टाचार के प्रसार की साज़िश रच रहे हैं। जब से बिन सलमान ने देश की सत्ता संभाली है वह देश के इस्लामी मूल्यों को समाप्त करने और समाज को भ्रष्ट करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
इसी के अंतर्गत उन्होंने मौलवियों पर कार्यवाही की है और देश में मनोरंजन और रेव पार्टी जैसे प्रोग्रामों एवं वेश्यावृति को बढ़ावा देने के लिए सहूलतें प्रदान की हैं। सऊदी अरब जैसे एक रूढ़िवादी देश में "समलैंगिकता" का समर्थनऔर इसे बढ़ावा दिया जाना कल्पना से परे और अविश्वसनीय है।
बिन सलमान ने अपनी साज़िश की शुरूआत देश के पाठ्यक्रम से समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी की। तेल अवीव स्थित इंस्टीट्यूट फॉर मॉनिटरिंग पीस एंड कल्चरल टॉलरेंस (IMPACT) ने रियाद के इस निर्णय का स्वागत किया है।
अमेरिकी पत्रिका टाइम ने इसे "सहिष्णू" कदम बताया है। सऊदी अरब ने जिन समलैंगिकों की मेजबानी की है, उनकी संख्या बहुत बड़ी है, रियाद ने उनमें से कुछ को मनोरंजक गतिविधियों के बहाने और अन्य को रेड सी फिल्म फेस्टिवल के बहाने स्वीकार किया है।
समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को दिखाने की अनुमति
"डेडलाइन हॉलीवुड" वेबसाइट ने रेड सी फिल्म फेस्टिवल के कार्यकारी निदेशक मोहम्मद अल-तुर्की से फेसटिवल में "समलैंगिकता" पर आधारित फिल्में दिखाने के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया:
मीडिया और बिन सलमान के करीबी लोगों ने समलैंगिकता को बढ़ावा देने के खुले प्रयास किए हैं। एमबीसी समूह ने बच्चों के कार्यक्रम चैनल के माध्यम से एजलीबीटी झंडे का प्रचार किया जिसने देश की जनता में क्रोध को भड़का दिया। जिसके बाद देश में इसके विरोध में हैशटैग ट्रेंड करने लगा।
इस बीच, बिन सलमान के एक करीबी अली अल-शहाबी ने कहा: "समलैंगिकता" को अपराध ठहराने वाले कानूनों के बावजूद, समलैंगिकता एक जैविक घटना है और ये लोग दया और के पात्र हैं।
बिन सलमान ने समलैंगिकता को अपराध बताने वाले सभी कानूनों और फतवों को नज़रअंदाज़ करते हुए इसको देश में बढ़ावा देने की अनुमति दी है।
समलैंगिकता को बढ़ावा दिए जाने वाले उपायों में से एक इससे जुड़ी किताबों की देश में बिक्री की अनुमति दिया जाना है, जब्कि आज भी सऊदी अरब में बहुत से बड़े विद्वानों की किताबों की छपाई और बिक्री पर रोक है।
सऊदी अरब में समलैंगिकता को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध की मीडिया रिपोर्टों के बावजूद तथ्य इस देश में समलैंगिकता के प्रसार में मोहम्मद बिन सलमान की मिलीभगत को दर्शाते हैं।
अमेरिकी पत्रिका "अटलांटिक" ने इसकी पुष्टि की और लिखा कि सऊदी अरब में समलैंगिक अपनी पार्टियां आयोजित करते हैं और अधिकारों को इसके बारे में पता होता है। वह आधिकारिक रूप से निमंत्राण भेजते हैं, और अब ऐसा लगता है कि बहरीन की बारी है।