चीन के यूनान प्रांत में एक मस्जिद के गुंबद और मीनारें गिराने की कोशिश के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में लोगों और पुलिस के बीच झड़पें हुई हैं। झड़पें पुलिस और मस्जिद के गुंबद को गिराने के फ़ैसले का विरोध कर रहे लोगों की बीच शुरू हुईं। दक्षिण चीन के यूनान प्रांत में कई समुदायों के लोग रहते हैं जिनमें मुसलमान आबादी भी अच्छी तादाद में है।
चीन आधिकारिक रूप से एक नास्तिक देश है और वहाँ की सरकार सभी धर्मों को स्वतंत्रता देने का दावा करती है। लेकिन जानकारों का कहना है कि हाल के वर्षों में चीन में संगठित धर्मों के विरुद्ध सरकारी कार्रवाई बढ़ी है।
नागू की नाजियिंग मस्जिद एक बड़ा लैंडमार्क है। बीते कुछ सालों में इस मस्जिद का विस्तार किया गया है। इस दौरान नई मीनारें जोड़ी गई हैं और एक नया गुंबद भी बनाया गया है।
लेकिन साल 2020 में एक अदालती फ़ैसले में कहा गया कि मस्जिद में किए गए निर्माण अवैध हैं और उन्हें तुरंत हटा दिया जाए। अदालत के इसी फ़ैसले की तामीर किए जाने के प्रयास होते रहे हैं। इस कारण इलाक़े में भारी प्रदर्शन हुए हैं।
वहीं प्रदर्शनकारियों का समूह पुलिस का घेरा तोड़कर मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है। इन्हीं लोगों में कुछ को पुलिस पर पत्थर फेंकते हुए भी देखा जा सकता है।
एक अन्य वीडियो में पुलिस को पीछे हटते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद लोगों का हुजूम मस्जिद में दाख़िल होते दिखता है। नागू पुलिस ने रविवार को इस घटना के बारे में एक बयान जारी किया है। बयान में प्रदर्शनकारियों से छह जून तक सरेंडर करने को कहा है। इसके अलावा दर्जनों लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने अपने नोटिस में कहा है, "जो लोग खुद छह जून तक सरेंडर करते हुए अपना बयान दर्ज कराएंगे उन्हें कम सज़ा मिलेगी।
चीनी अधिकारियों ने इस घटना को कानून व्यवस्था में बाधा डालने की एक गंभीर कोशिश बताया है और कहा है कि अगर कोई व्यक्ति प्रदर्शन करता दिखाई दे, तो उसके बारे में पुलिस को सूचित किया जाए।